देवर भाभी का सेक्स का मजा मुझे मेरी नयी नवेली भाभी ने दिया. गलती से एक दिन भाभी ने मुझे गाली बक दी. मैंने भाई को बताने की धमकी दी. तो भाभी ने क्या किया? दोस्तो, मेरा नाम नितेश है. मैं जयपुर में रहता हूँ. मुझ अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ते हुए कई साल हो गए हैं. मेरी हाईट 6 फीट है. मेरा लंड इतना बड़ा है कि इसके नीचे कोई भी चूत हो, संतुष्ट जरूर हो जाएगी.
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, अगर आपको पसंद आए तो जरूर बताना. यह देवर भाभी का सेक्स आज से 2 साल पहले का है. मेरे भाई की शादी हो चुकी थी और मेरी भाभी का घर में आना हो गया था. भाभी का नाम खुशबू है. मेरी भाभी की हाइट 5.5 है. मेरी भाभी कसम से गजब पटोला हैं, उन्हें देखते ही लंड में पानी आ जाता है. एक दिन की बात है. भाभी खाना बना रही थीं. मैं उनके पास गया और कहा- भाभी, खाना खिला दो. उन्होंने कहा- बैठ जाओ, मैं परोस देती हूँ. मैं बैठ गया.
भाभी ने थाली में खाना परोस कर मेरे सामने रखते हुए कहा- लो खाना खा लीजिए देवर जी. मैं खाना खाने लगा. उस दिन रोटी कुछ ज्यादा ही मोटी बनी थी. भाभी किचन में गर्म गर्म रोटियां सेंक रही थीं. मैंने भाभी से बोला- मुझको पतली रोटी पसंद हैं भाभी. प्लीज मेरे लिए पतली रोटी बना दो ना! भाभी मोटी रोटी ही बनाती हैं, पर मेरे कहने पर उन्होंने पतली रोटी बना देती थी. पर भाभी को आज पता नहीं किस बात का गुस्सा आ रहा था. भाभी ने कह दिया- तेरी मां की चूत. खाना है तो खा, नहीं तो चल यहां से … आजकल बहुत नखरे करने लगा है तू!जब मैंने भी उनके मुँह से ये कहानी सुनी तो उन्होंने कहा, "तू क्या बिना अपनी मां की चूत के पैदा हुआ था?" गलती से निकल गया, भाभी ने कहा। मैं भाईया से बात कर रहा हूँ, मैंने कहा। भाभी को डर लग गया जब मैंने ऐसा कहा। क्योंकि वे नवीन थे। मैंने उनसे कहा, "सॉरी देवर जी, कृपया किसी को मत कहना यार," मुझे गलती हुई। मैं आपके लिए हल्की रोटी बना देता हूँ। मैंने कहा: ठीक है। मुझे पहले गाली दी और अब कह रही हैं कि मैं अपनी गलती भुला दूँगा! तब भाभी ने कहा, "जी, यह गलती हो गई।" आप कुछ भी कह सकते हैं।
मैंने अवसर देखकर चौका लगाया। मैंने पूछा कि एक बार गाली देकर क्या कर सकती है? मैं चूत देने की बात कर रहा हूँ, यह भाभी ने समझा। वे मना करने लगीं: क्या हुआ? मैं उसे कैसे दे सकता हूँ? वह तुम्हारे भाई की है। मैंने कहा, "कोई बात नहीं, मैं भाई को बता दूंगा कि तुम मुझसे ऐसा बोल रहे हो।" मैंने कहा कि भाभी मजबूर हो गईं और मान गईं।
तुम्हारे भईया चले जाएं, वे कहते थे। इसके बाद आपको आवश्यक सामान लेना चाहिए..। मैं दे दूंगा। लेकिन अभी किसी से बात मत करो। मैंने कहा कि एक बार स्पष्ट रूप से बताओ कि आप मुझे वह देने को राजी हो गए हैं। वरना बाद में मैंने ऐसा नहीं कहा। तुम ही बता दो क्या चाहिए, भाभी ने कहा, हंसते हुए। मैंने कहा कि यह आपको ही बताना होगा। वर्ना आप कहेंगे कि मैंने तुमसे चूत मांगी।
यह सुनकर वे हंसने लगीं और कहा, "तुमने सिर्फ अपने मुँह से कहा है कि तुम मेरी चूत चाहते हो..।" इसलिए ले लो। मैं भी खुश हो जाऊँगा। पर मज़ा नहीं आया तो मैं बेलन को गांड में डाल दूँगी..। बतलाया गया। मैंने कहा कि आप कुछ भी कर सकते हैं। चूत को सिर्फ चोदने के लिए खोल देना। यह सिर्फ चाटना या चोदना ही है, उन्होंने कहा। मैंने कहा कि अगर साफ होगी तो चाट भी लूँगा। इस तरह हम दोनों बहुत देर तक एक दूसरे से सेक्सी बातें करते रहे।
मेरे भाई सरकारी कर्मचारी हैं, इसलिए वे घर पर दस से पंद्रह दिन से अधिक नहीं रह सकते। कुछ दिनों बाद भईया अपनी नौकरी पर चले गए। दिन में ही मैंने भाभी को अपना लंड खुजला कर इशारा कर दिया था। उसी रात भाभी ने एक एसएमएस भेजा कि आप कमरे में आ जाएँ। जब मैं उनके कमरे में पहुंचा, भाभी ने कहा कि मैं क्या करूँ? तुरंत जाओ। मैंने कहा कि क्योंकि मेरा पहला समय है, मैं पूरा समय लूँगा। “अच्छा जी,” भाभी ने खुशी से कहा। यह आपकी पहली बार है। ठीक है, सर। हां, मैं उसे अपनी इच्छा से ही लेंगे, मैंने कहा।
किस तो कर लोगे? भाभी ने पूछा। हां, मैं जानता हूँ कि क्या करना है। वे पूछने लगीं कि क्या आप भी कह रहे हैं कि किसी ने ली है? मैंने पूछा, "क्या लिया है?" भाभी जी, स्पष्ट हो जाओ। वे बोलने की जगह काम करने लगे। मेरे सामने अपने मुँह की जगह एक चिकनी चूत दी। मैंने कहा, "किस मुँह पर होता है?" तुम मज़ा लेना चाहते हो या बकवास? मैंने कहा कि मनोरंजन करना चाहिए। तब भाभी ने कहा, "तो मैं कहता हूँ, वैसा करो।" मैं पूरी तरह से खुश हूँ। ये कहकर भाभी लेट गईं।
उसने चूत खोलकर उस पर हाथ फेरते हुए कहा, "आ जाओ देवर जी", दोनों टांगें फैलाकर। तुम्हारी भाभी की चिकनी चूत चूस लो। मैं भाभी की चूत पर किस करने लगा। देवर भाभी ने शादी की। तभी मेरी भाभी अपनी गांड को उठाकर आह आह करने लगी। मैं भी उनकी चूत चाटने का आनंद लेने लगा। उनकी चूत बहुत मस्त लग रही थी। स्वाद ऐसा था जैसे मैं नमक की पेप्सी पी रहा हूँ।
भाभी अपने दोनों हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थीं और अपनी गांड को मेरे मुँह पर दबा रही थीं। ‘आह आह...’ की तेज आवाज उनके मुँह से निकल रही थी। उन्हें सुनकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया।
कुछ देर बाद भाभी ने कहा, "बस चूत चाटना बहुत हुआ।" 69 में तुम मेरे ऊपर आ जाओ। मैंने पूछा: ये 69 क्या है? उसने सर पीटते हुए कहा, "हाय रे मेरे अनाड़ी देवर..।" क्या आप 69 को नहीं जानते? मैंने सर को हिला दिया। “तुम मेरी चूत चाटना और मैं तुम्हारा लंड चूसूँगी,” भाभी ने कहा। 69 है। अब आओ। यह सुनते ही मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया। मैं उनकी चूत को चूस रहा था और वह मेरे लंड को चूस रही थी। मैं बहुत खुश था।
इस तरह, उस दिन पहली बार भाभी ने मुझे बताया कि इसे 69 पोज कहा जाता है। उस पोज में मुझे अपना लंड चुसवाना बहुत अच्छा लगा। कुछ समय बाद मेरा लंड पानी से भर गया। उस समय भाभी ने मेरे लंड का रस चूस लिया। बाद में भाभी भी झड़ गईं। मैंने भी उनकी चूत और मलाई चाट ली, उन्हें चमका दिया। भाभी बार-बार कहती थीं कि आज चुदने में मजा आएगा और मेरे लंड की तारीफ करती थीं।
जब मैंने पूछा, भाभी ने बताया कि तुम्हारे भाई का लौड़ा काफी बड़ा था। मैंने कहा, फिर से चूसकर खड़ा कर दो। भाभी एक बार फिर मेरा वीर्य चूसने लगी। मेरा लंड वापस खड़ा हो जाएगा। अब मेरी चूत का बाजा बजा दो, भाभी ने कहा। भाभी की चूत मेरे सामने खुली थी। मैंने लंड को चूत पर रखा और एक झटका मारा। मेरा लिंग मेरी चूत में गिर गया। मेरे राजा, तेरी भाभी की चूत का बजा दे बाजा, भाभी ने कहा और अपनी गांड के नीचे एक तकिया लगाया।
जब मैं फिर से झटका मारा, आधा लंड मेरी चूत में घुस गया। भाभी ने कहा, "आ आ आ... धीरे-धीरे मार डाला।" मैंने पूछा, "भाभी, क्या हुआ? मुझे बाहर निकाल दो?" नहीं, भाभी ने कहा..। आह..। मेरे राजा, आज खुश रहो। मैं भी खुश था, इसलिए मैं बाहर करने लगा। भाभी की चूत चोदने में मुझे मजा आ रहा था। एक बार मैं जल्दी गिर गया। मेरे कड़क लंड से भाभी भी "आ... अह." कर रही थीं।
थोड़ी देर बाद भाभी खुद ऊपर आ गईं और मुझे नीचे किया। मुझे पता नहीं था कि मैं किस जन्नत में जा रहा हूँ जब यह हुआ। भाभी की एक चूची मेरे मुँह में रस भर रही थी और उनकी चूत में लंड चल रहा था। साथ ही भाभी अपनी गांड हिलाकर लंड से अपनी चूत को भर रही थीं। वे अपने हाथ से पकड़ कर मेरे मुँह में अपनी दोनों चूचियों को दे रही थीं। थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझे टाइट पकड़ लिया और जोर से चोदते हुए मेरे सीने पर गिर पड़ी। मैं भी उसी समय अपना वीर्य भाभी की चूत में डाल दिया।
उस दिन मुझे पता चला कि सेक्स की दुनिया भी इतनी रोचक है। उस रात भाभी ने मुझे अलग-अलग चार बार चुदा। उन्होंने मुझे विभिन्न चूत चोदने के तरीके भी सिखाए। फिर भाभी ने कहा कि अगर मैं जानता था कि तुम्हारा लंड इतना बड़ा था, तो मैं पहले ही गाली दे देता। हम दोनों इस बात पर बहुत हंसे। “यार, मेरा लंड पसंद आया है,” भाभी ने कहा। अब मुझे हर दिन ऐसे ही चोदना। मैंने भाभी को बताया कि मैं भी खुश था। मेरा लंड आपको जब चाहें सेवा करेगा।
भाभी मेरी प्रशंसा करती थीं। उनके पास अब एक लड़की है। भाभी बिना झिझक मुझे बताती हैं जब उन्हें कुछ चाहिए। और मैं हर बार उनका सम्मान करता हूँ। साथ में मुझे हर समय धन की आवश्यकता होती है। एक दिन, भाभी ने कहा कि उनकी एक सहेली है और उसे भी चोदना है। प्रिय, इस बार मैं भईया की अनुपस्थिति में भाभी को उनके कमरे में चोदने गया तो मैंने उनकी सहेली को कैसे चोदा। वह अगली यौन कहानी में मुझे बताएगी।
अब भईया घर नहीं होते तो वे मेरे लंड से चुदाई नहीं करते और नींद नहीं आती। मैं भी भाभी की चूत चोदने का इतना दीवाना हो गया कि मुझे घर से बाहर निकलना ही नहीं आता। मैं परीक्षा की तैयारी करते हुए आज भी भाभी को याद करता हूँ। मैं हर बार घर जाकर मन लगाकर भाभी को चोदता हूँ। तुमने देवर भाभी से सेक्स किया? कृपया बताएं।
Comments
Post a Comment